हे भक्तों, आज के इस पोस्ट में हम सरस्वती चालीसा लिरिक्स (Saraswati Chalisa Lyrics) के साथ आपको सरस्वती चालीसा पढ़ने के फायदे बताने के अलावे सरस्वती चालीसा हिंदी में PDF देने वाला हूं जिसके मदद से आप मां सरस्वती की पूजा सही विधि के साथ कर सकते है.
माता सरस्वती को विद्या का जननी कहा जाता है क्योंकि जो व्यक्ति सरस्वती चालीसा (Saraswati Chalisa) का पाठ करता है तो उसके शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार होता है जिससे उसके बुद्धि और कौशल का विकास अच्छे तरीके से होता है क्योंकि माता सरस्वती अपने भक्तों पर हमेशा ज्ञान का महिमा बरसाती है. यदि आप सरस्वती चालीसा डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से सरस्वती चालीसा पीडीएफ (Saraswati Chalisa Pdf) को डाउनलोड कर सकते हैं.
सरस्वती चालीसा हिंदी में PDF || Saraswati Chalisa Lyrics
माता सरस्वती को ब्रह्मा का पत्नी और विद्या का जननी माना जाता है क्योंकि मनुष्य के अंदर बुद्धि और कौशल का विकास मां सरस्वती के कृपा से ही होता है. जो भक्त सरस्वती चालीसा लिरिक्स (saraswati chalisa lyrics) को मन से पढ़ता है तो सरस्वती माता उसके अंदर विद्या का ज्ञान भर देती है.
सरस्वती माता की चालीसा को जो भक्त सही से नहीं पढ़ता है उसे लाभ नहीं होता है इसलिए यदि आप सरस्वती चालीसा का पाठ करना चाहते हैं तो इसके विधि का सही से पता होना चाहिए जिसको नीचे पोस्ट में बताया गया है जिसको पढ़ कर आप सरस्वती जी की आरती (saraswati ji ki aarti) के साथ इनके प्रमुख मंत्रों का ग्रंथ सरस्वती चालीसा का पाठ हिंदी में कर सकते हैं जिसके प्रभाव से आपके मन के नेगेटिव थिंकिंग समाप्त हो जाती है.
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Saraswati Chalisa Lyrics in Hindi
सरस्वती माता को वीणा पुस्तक धारिणी और विद्या का देवी कहा जाता है जिन को प्रसन्न करने के लिए सरस्वती चालीसा को तैयार किया गया है जिसके श्लोकों को सरस्वती चालीसा लिरिक्स कहते हैं जिसका नियमित पाठ करने से माता सरस्वती की कृपा हमारे ऊपर हमेशा बनी रहती है. सरस्वती चालीसा लिरिक्स को हिंदी भाषा में नीचे दिया गया है जिसके सही उच्चारण करने मात्र से ही मां सरस्वती हमें सद्बुद्धि देती है.
।। दोहा ।।
मातु सूर्य कान्ति तव, अंधकार मम रूप।
डूबन से रक्षा कार्हु परूं न मैं भव कूप।।
बलबुद्धि विद्या देहु मोहि, सुनहु सरस्वती मातु।
रामसागर अधम को आश्रय तू ही दे दातु।।
।।Saraswati Chalisa Lyrics।।
जय श्रीसकल बुद्धि बलरासी।
जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी।1।
जय जय जय वीणाकर धारी।
करती सदा सुहंस सवारी।2।
रूप चतुर्भुज धारी माता।
सकल विश्व अन्दर विख्याता।3।
जग में पाप बुद्धि जब होती।
तबही धर्म की फीकी ज्योति।4।
तबहि मातु का निज अवतारा।
पाप हीन करती महितारा।5।
बाल्मीकि जी था हत्यारा।
तव प्रसाद जानै संसारा।6।
रामचरित जो रचे बनाई ।
आदि कवि की पदवी पाई।7।
कालीदास जो भये विख्याता ।
तेरी कृपा दृष्टि से माता।8।
तुलसी सूर आदि विद्वाना ।
भये जो और ज्ञानी नाना।9।
तिन्ह न और रहेउ अवलम्बा ।
केवल कृपा आपकी अम्बा।10।
करहु कृपा सोई मातु भवानी।
दुखित दीन निज दासहि जानी।11।
पुत्र करई अपराध बहूता ।
तेहि न धरई चित माता।12।
राखु लाज जननि अब मेरी।
विनय करऊ भांति बहुतेरी।13।
मैं अनाथ तेरी अवलंबा ।
कृपा करउ जय जय जगदंबा।14।
मधुकैटभ जो अति बलवाना ।
बाहुयुद्ध विष्णु से ठाना।15।
समर हजार पांच में घोरा।
फिर भी मुख उनसे नहीं मोरा।16।
मातु सहाय कीन्ह तेहि काला।
बुद्धि विपरीत भई खलहाला।17।
तेहि ते मृत्यु भई खल केरी ।
पुरवहु मातु मनोरथ मेरी।18।
चण्ड मुण्ड जो थे विख्याता ।
क्षण महु संहारे उन माता।19।
रक्त बीज से समरथ पापी ।
सुर मुनि हृदय धरा सब कांपी।20।
काटेउ सिर जिम कदली खम्बा।
बार बार बिनवऊं जगदंबा।21।
जगप्रसिद्ध जो शुंभ निशुंभा।
क्षण में बांधे ताहि तूं अम्बा।22।
भरत-मातु बुद्धि फेरेऊ जाई ।
रामचन्द्र बनवास कराई।23।
एहि विधि रावन वध तू कीन्हा।
सुर नर मुनि सबको सुख दीन्हा।24।
को समरथ तव यश गुण गाना।
निगम अनादि अनंत बखाना।25।
विष्णु रूद्र जस कहिन मारी।
जिनकी हो तुम रक्षाकारी।26।
रक्त दन्तिका और शताक्षी।
नाम अपार है दानव भक्षी।27।
दुर्गम काज धरा पर कीन्हा।
दुर्गा नाम सकल जग लीन्हा।28।
दुर्ग आदि हरनी तू माता ।
कृपा करहु जब जब सुखदाता।29।
नृप कोपित को मारन चाहे ।
कानन में घेरे मृग नाहै।30।
सागर मध्य पोत के भंजे ।
अति तूफान नहिं कोऊ संगे।31।
भूत प्रेत बाधा या दु:ख में।
हो दरिद्र अथवा संकट में।32।
नाम जपे मंगल सब होई।
संशय इसमें करई न कोई।33।
पुत्रहीन जो आतुर भाई ।
सबै छांड़ि पूजें एहि भाई।34।
करै पाठ नित यह चालीसा ।
होय पुत्र सुन्दर गुण ईसा।35।
धूपादिक नैवेद्य चढ़ावै।
संकट रहित अवश्य हो जावै।36।
भक्ति मातु की करैं हमेशा।
निकट न आवै ताहि कलेशा।37।
बंदी पाठ करें सत बारा ।
बंदी पाश दूर हो सारा।38।
रामसागर बांधि हेतु भवानी।
कीजे कृपा दास निज जानी।39।

।। दोहा ।।
जनक जननि पदम दुरज, निजब मस्तक पर धारि।
बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि।।
पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु।
दुष्टजनों के पाप को, मातु तुही अब हन्तु।।
Saraswati Chalisa Pdf Download
सरस्वती चालीसा पढ़ने के फायदे
हिंदू धर्म में मां सरस्वती की प्रशंसा करने के लिए सरस्वती चालीसा को गाया जाता है जिसके गायन मात्र से ही मां सरस्वती अपने भक्तों पर अपनी दया दिखाती है क्योंकि सरस्वती चालीसा के द्वारा माता सरस्वती की महिमा का बखान किया जाता है.
कोई भी व्यक्ति जब मां सरस्वती की महिमा का बखान सरस्वती चालीसा ( Lord Saraswati Chalisa)के माध्यम से करता है तो मां सरस्वती उसे ज्ञान, कौशल, बुद्धि, लेखन और चित्रकारी में निपूर्ण बनाती है. माता सरस्वती ज्ञान की देवी है जो अपने पुत्रों के ऊपर ज्ञान की दया बरसाती हैं.

सरस्वती चालीसा लिरिक्स (Saraswati Chalisa Lyrics )को मुख्य रूप से बसंत पंचमी के दिन या नवरात्रि में अच्छा माना जाता है क्योंकि इसके गायन मात्र से ही भक्तों को माता सरस्वती की असीम अनुकंपा प्राप्त होती है जिससे उसके मन को शांति तथा ज्ञान के भंडार प्राप्त हो जाते हैं जिससे वह अपने कार्यों को सरल तरीके से कर सकता है.
मां सरस्वती की पूजा करने की सही विधि
सरस्वती जी की आरती (Saraswati ji ki Aarti) के साथ सरस्वती चालीसा का पाठ करके माता सरस्वती को प्रसन्न किया जा सकता है परंतु माता सरस्वती की पूजा सही ढंग से करना चाहिए नहीं तो लाभ के बजाय हानि होती है हमने आपको हिंदू धर्म शास्त्रों के कुछ तथ्यों के आधार पर माता सरस्वती की पूजा करने का कुछ सही तरीका बताया है जिसकी मदद से आप सरस्वती पाठ हिंदी में अच्छे से कर सकते हैं. जिनमे से कुछ निम्न दिए गये है –
- सबसे पहले आप मां सरस्वती का पूजा करने हेतु साफ-सुथरी और पवित्र जगह का चयन करें.
- मां सरस्वती की मूर्ति या फोटो, दीपक, अगरबत्ती, फूल, अक्षत, कलस , पूजा की थाली, वस्त्र और प्रसाद को पूजन सामग्री के रूप में इकट्ठा कर ले.
- उसके बाद मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करने से पहले पूजा स्थल को अच्छे से सजा लें.
- पूजा शुरू करें जिसमें आप सरस्वती चालीसा के अनुसार जल, फूल और अक्षत आदि माता सरस्वती को चढ़ा दे.
- मां सरस्वती की चालीसा, मंत्र का पाठ करें.
- माता सरस्वती के नाम का जाप करें जैसे- हे ज्ञान की देवी, वीणा वादिनी, हंस वाहिनी आदि नामों का जाप करें और माता सरस्वती से विनती करें कि वह आपको ज्ञान, बुद्धि और सफलता प्रदान करें.
- इसके बाद सरस्वती माता की आरती करें.
- पूजा के अंत में आप जो भी भक्त आपके पूजन के समय उपस्थित हो उनको माता सरस्वती का प्रसाद वितरण कर दे.
अतः आप इस तरीके से सरस्वती चालीसा लिरिक्स (Saraswati Chalisa Lyrics in Hindi)का उच्चारण करते हुए माता सरस्वती की पूजा संपन्न कर सकते हैं.
Shri Saraswati Chalisa with Lyrics | श्री सरस्वती चालीसा Video
FAQs (Saraswati Chalisa Lyrics)
Q.माता सरस्वती का सरल मंत्र क्या है?
Ans: “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः” (Om Aim Saraswatyai Namah).जो भक्त इस मंत्र का शांत मन से ध्यान करता है उसको माता सरस्वती ज्ञान, कौशल के साथ सद्बुद्धि देती है जिससे उसके मन के निगेटिव विचार समाप्त हो जाते हैं परंतु इस मंत्र का उच्चारण माता सरस्वती की आराधना के समय किया जाता है जिसके साथ सरस्वती चालीसा लिरिक्स (saraswati chalisa lyrics) गायन और सरस्वती जी की आरती भी की जाती है
Q.माता सरस्वती की प्रार्थना कैसे करें?
Ans: माता सरस्वती की प्रार्थना करने से पहले मां सरस्वती आवाहन करें और उन्हें मन में चित्रित कर लें उसके बाद सरस्वती चालीसा का पाठ और ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः” या “ॐ श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै नमः” मंत्रों का जाप करें और अंत में सरस्वती माता के आरती के बाद विद्या प्राप्ति के लिए उनसे प्रार्थना करते हुए अंत में मां सरस्वती को धन्यवाद दे और उनसे आशीर्वाद मांगे.
Q.सरस्वती मंत्र जपने के क्या फायदे हैं?
Ans: माता सरस्वती के मंत्र का जाप जो व्यक्ति सत्य निष्ठा के साथ करता है माता सरस्वती उन से प्रसन्न होकर उसके सभी कार्यों को सिद्ध कर देती हैं तथा उनके मन मस्तिष्क में ज्ञान के बीज को डाल देती हैं जिससे वह व्यक्ति दिन प्रतिदिन धैर्यवान और मन, मानसिक से मजबूत होता जाता है. अतः आप भी सरस्वती चालीसा लिरिक्स (saraswati chalisa lyrics) का उच्चारण करके सरस्वती माता का प्रशंसा कर सकते हैं.
Q.सरस्वती मंत्र का पाठ कितनी बार करना है?
Ans: सरस्वती मंत्र का पाठ कितनी बार करनी चाहिए इसका कोई सटीक जवाब नहीं है क्योंकि हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार सरस्वती मंत्र का पाठ कम से कम एक बार और अधिकतम कितनी बार भी कर सकते हैं परंतु अन्य हिंदू धार्मिक स्रोतों के अनुसार 108 बार सरस्वती मंत्र का पाठ करना चाहिए क्योंकि शुभ माना जाता है जिससे माता प्रसन्न हो जाती हैं.
Q.क्या सरस्वती पूजा के दिन पढ़ना चाहिए या नहीं?
Ans:सरस्वती पूजा के दिन आप पढ़ सकते हैं क्योंकि नहीं पढ़ने का ऐसा कोई विधान नहीं है क्योंकि पढ़ाई करते रहना यह हमारे नियमित अभ्यास को दिखलाता है जिससे हम कुछ ना कुछ रोज सीखते रहते हैं. अतः आप निसंकोच सरस्वती पूजा के दिन भी पढ़ाई कर सकते हैं यदि आपके पास समय हो तो
निष्कर्ष
इस पूरे लेख का निष्कर्ष या है कि आप सरस्वती चालीसा (lord saraswati chalisa) के मदद से विद्या की देवी मां सरस्वती को प्रसन्न कर सकते हैं क्योंकि इनके कृपा से आपके मन में ज्ञान के भंडार जागृत होते हैं जिससे आपके अंदर ज्ञान, कौशल, बुद्धि, उर्जा, चित्रकारी और गायन का विकास हो जाता है.
माता सरस्वती जी की आरती (saraswati mata ki aarti) के साथ जो व्यक्ति सरस्वती चालीसा ( का पाठ नित्य दिन करता है वह अपने जीवन के लक्ष्य को पाने में सफल हो सकता है. सरस्वती चालीसा लिरिक्स (saraswati chalisa lyrics in hindi) का उच्चारण करने का सही तरीका आपको पता होना चाहिए जिससे आप सफल पूर्वक मां सरस्वती की आराधना कर सकते हैं. यदि आप अपने मोबाइल में सरस्वती चालीसा पीडीएफ (saraswati chalisa pdf) को डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं.
यदि आप मां सरस्वती के भक्त हैं तो कमेंट में जय सरस्वती माता जरूर लिखें.
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